105. हजरत जिब्राईल अलैहिस्सलाम की अस्ली सूरत यह है, नूरी जिस्म है

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हजरत जिब्राईल अलैहिस्सलाम की अस्ली सूरत यह है, नूरी जिस्म है

*ﺃَﻋُﻮْﺫُ بِاللّٰهِ مِنَ الشَّيْطَانِ الرَّجِيم*
*بِسْمِ اللّٰهِ الرَّحْمَٰنِ الرَّحِيم*ِ
🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹                     *اللَّهُمَّ صَلِّ عَلَى مُحَمَّدٍ وَ*ّ *عَلَى آلِ مُحَمَّدٍ كَمَا* *صَلَّيْتَ عَلَى إِبْرَاهِيم*َ *وَعَلَى آلِ إِبْرَاهِيمَ إِنَّكَ حَمِيدٌ مَجِيد*
ٌ *اللَّهُمَّ بَارِكْ عَلَى مُحَمَّدٍ و*َّ *عَلَى آلِ مُحَمَّدٍ كَما* *بَارَكْتَ عَلَى إِبْرَاهِيمَ وَعَلَى آلِ إِبْرَاهِيمَ إِنَّكَ حَمِيدٌ مَجِيد*

                 

            *□☆TAFSEEL☆□*

_‎ بسم الله الرحمن الرحيم‎

الصــلوة والسلام‎ عليك‎ ‎يارسول‎ الله ﷺ

_हजरत जिब्राईल अलैहिस्सलाम की अस्ली सूरत यह है, नूरी जिस्म है, उनके जिस्म में 600 पर हैं और हर पर इस क़दर फैला हुआ है कि उससे आसमान का किनारा छुप जाऐ और उन सब परों पर ज़बुर जद व याकूत व मोती जड़े हुऐ हैं एक मर्तबा हुजूरे अनवर ﷺ ने उनको देखा कि सर आसमान में है और पाँव ज़मीन में और मश़्रिक व मग़रिब का फ़ासिला उनसे पुरा हो गया है।_


*(तफ़सीर अज़ीज़ी सूरऐ बक़र सफ़्हा 308/खाज़िन व मआलिम जिल्द 7 सफ़्हा 179)*



        *(●👇📚हवाला📚👇●)*


*_📚 तफ़सीर अज़ीज़ी सूरऐ बक़र सफा नम्बर  308/खाज़िन व मआलिम जिल्द 7  सफा नम्बर 179_*



*_【☆☆☆☆☆☆☆☆☆☆☆☆☆】_*


     *_📢हमारा मिशन सिर्फ इल्म-ए-दीन सिखने और सिखाने का📢_*


*_☝हमारी दावत एक सच्चे दीन की_*


----------------------------------------------------------------------------------------- *_अल्लाह हमे अपने महबूब हुज़ूर ﷺ के सदके इसी तरह इल्मे दीन सीखने समझने और अमल करने की तौफ़िक अता करे।_*
    
             /आमीन
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