112. क्या आप जानते हैं कि मूर्ति पूजा का रिवाज़ कब से शुरू हुआ (112)

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क्या आप जानते हैं कि मूर्ति पूजा का रिवाज़ कब से शुरू हुआ, नहीं तो पढ़ें ये हदीस और आगे भी शेयर करें

हज़रत शुऐब अलैहिस्सलाम हज़रत आदम अलैहिस्सलाम के बेटे थे।
उनका एक बेटा था जिस का नाम महलाइल था। निहायत ख़ूबसूरत और अज़मत वाला था।
उनके इंतिकाल के बाद लोग उनकी ज़्यारत को आने लगे और साथ बहुत सारे तोहफ़ा व तहाइफ़ भी लाने लगे।
तब इब्लीसे लईन इंसान की शक्ल में आकर कहने लगा कि लोग इतनी दूर-दूर से आते
और फिर मायूस हो कर लौट जाते हैं।
क्यों न तुम्हारे वालिद की शक्ल की एक मूर्ति बनाई जाए ताकि लोग उस मूर्ति को नज़ाने पेश करें
तब महलाइल के बेटों ने उनकी मूर्ति बना कर नज़ाने के तौर पर तोहफ़ा तहाइफ़ लेने शुरू कर दिए
तब ही से मूर्ति पूजा का रिवाज शुरू हो गया।
(तारीख़े आलम सफ़ा न० 77)

अल्लाह तआला रब्बुल अज़ीम हम सब मुसलमान भाइयों को कहनेसुनने और सिर्फ पढ़ने से ज्यादा अमल करने की तौफीक अता फ़रमाये और हमारे रसूल  नबी ए करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की बताई हुई सुन्नतों और उनके बताये हुए रास्ते पर हम सबको चलने की तौफीक अता फ़रमाये (आमीन)।
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