114. FATEHA KA TARIQA

                                          (Page No.114)  

                                 FATEHA KA TARIQA

SABSE PEHLE DAROOD E PAAK PARHE 

                  फिर सुरः काफिरुन एक बार पढ़ें यानी क़ुल या अय्यूहल काफिरुन
                   फिर तीन बार सुरः इख्लास पढ़ें। यानी क़ुल हुवल्लाहु अहद।
फिर एक बार सुरः फलक पढ़ें- यानी क़ुल अऊज़ु बिलब्बिल फलक।
फिर एक बार सुरः नास पढ़ें- यानी क़ुल अऊज़ु बिरब्बिनास
फिर एक बार सुरः फातिहा पढ़ें- यानी अल हम्दु लिल्लाहि रब्बिल आलमीन।



फिर एक बार अलिफ़ लॉम मीम से मुफ़लेहुन तक पढ़ें- अलिफ़ लॉम मीम0। 

ज़ालेकल किताबो लारयब फ़ीह हुदल्लिल मुक्तक़ीनल लज़ीना यूमेनूना बिल ग़ैबे व यूक़ीमुनस्सलाता व मिम्मा रज़क़ना हुम युनफ़ेक़ून0 वल लज़ीना यूमिनूना बीमा उनज़ेला इलैका वमा उनज़ेला मिन क़बलिक व बिल आख़ेरते हुम यूक़ेनून0 उलाइएका अला हुदम्मिर्रब्बे हिम, व ओलाएका हुमुल मुफ़लेहून0 व इलाहोकुम इलाहुवं वाहेदुन ला इलाह इल्ला होवर रहमानुर रहीम0 इन्ना रहमतल लाहे क़रिबुम मिनल मोहसेनिन0 वमा अरसलनाका इल्ला रहमतल-लिल आलमीन0 मा काना मुहम्मदुन अबॉ अहदिम्मि रेज़ालेकुम वला किर्रसूल्लाहे व ख़ातमन नबीयीन व कानाल्लाहो बे-कुल्ले शयइन अलीमा0 इन्नल्लाह व मलायकताहु यूसल्लूना अलन्नबी या अय्योहल लज़ीना आमनु सल्लू अलैहे व सल्लेमू तसलीमा0 
दुरुद शरीफ- अल्लाहुम्मा सल्लेअला सय्यदेना व मौलाना मुहम्मदिंव अला आले सय्यदेना मुहम्मदिन बारिक व सल्लिम द अला इन्ना औलिया अल्लाहे ला ख़ौफुन अलैहिम वलाहम यहज़नून0 सुबहाना रब्बेका रब्बिल इज्ज़ते अम्मा यसेफ़ून व सलामुन अलल मुरसलीन वलहम्दो लिल्लाहे रब्बिल आलमीन0 पढ़कर अपने दोनों हाथों को उठाकर दुआ करें ऐ अल्लाह तआला हमने जो कुछ पढ़ा है उसमें जाने अनजाने में  जो गलती हुई हो उसे माफ़ फ़रमा कर अपने जनीब  में क़ुबूल फ़रमा और इसका सवाब तमाम मुसलमानों की रूहों को अता फ़रमा अगर किसी खास वली का फ़ातिहा हो तो खुसुसन उनका नाम ले।
मसअला- खाने के साथ पानी रखना भी दुरुस्त है और औरत को भी फ़ातेहा देना जाइज़ है। (इरफाने शरिअत हिस्सा 1 स. 12)

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