सहिह मुस्लिम (ईमान की किताब - 377)
अबू ज़ुबैर र.आ. से रिवायत है कि उन्होंने जाबिर बिन अब्दुल्लाह र.आ. से सुना कि जाबिर बिन अब्दुल्लाह र.आ. से आखरत के बारे में पूछा गया। उन्होंने जवाब दिया "हमलोग आएंगे आखरत में इस तरह, इस तरह और ध्यान से देखो उसे जिसकी चिंता है ऊपर उठाए गए लोगो की।" फिर आगे फरमाये "फिर लोगों को इकट्ठा किया जाएगा उनके साथ जिन्हें वो पूजते थे एक के बाद एक। फिर हमारे रब हमारे पास आएंगे और कहेंगे 'तुम किसका इंतज़ार कर रहे हो?' वो जवाब देंगे 'हम हमारे रब का इंतज़ार कर रहे।' अल्लाह फरमाएंगे 'मैं तुम्हारा रब हूँ।' वो कहेंगे '(हमें यकीन नहीं) जब तक आपको देख न लें।' और फिर अल्लाह प्रकट होंगे उनके सामने मुस्कुराते हुए और फिर वो लोग अल्लाह के पीछे चल देंगे, चाहे वो ईमान वाला हो या मुनाफ़िक़ (मक्कार) उनपे रौशनी सम्पन्न हो जाएगी और जहन्नम के पूल में कांटे और हुक होगा जो हर उसको पकड़ लेगा जिसे अल्लाह चाहेंगे पकड़ा जाए। फिर मुनाफ़िक़ की रौशनी बुझा (छीन) ली जाएगी और सारे ईमान वालों को मोक्ष मिल जाएगा।
सबसे पहले इसको प्राप्त करने वाले वो गिरोह होंगे जिनमे 70,000 लोग होंगे जिनके चेहरे पे रौशनी पूरी चाँद सी होगी और उन्हें हिसाब के लिए नहीं बुलाया जाएगा।
फिर उनके तुरंत बाद वाला गिरोह के चेहरे जन्नत में सबसे चमकदार तारे की तरह होंगे। इस तरह से (एक गिरोह दूसरे गिरोह के पीछे होंगे)। फिर वक़्त आएगा सिफारिश करने वालों की और वो सिफारिश करेंगे (सिर्फ सिफारिश वही करेंगे जिनको इजाज़त होगा सिफारिश का, ये बात क़ुरान और बाकी के हदीस में मौजूद है) तब तक, जब तक हर एक 'एक अल्लाह का इकरार' करने वाला और जिसके दिल मे जौ के बराबर भी ईमान रखने वाले को जहन्नम से निकाल न लिया जाए।
फिर उन्हें जन्नत में लाया जाएगा और जन्नत के लोग उनपर पानी छिड़कने लगेंगे तब तक, जब तक जिस तरह अंकुर निकलने लगता है बहुत सारे पानी में, और उनके (जिन्हें जहन्नम से निकाला गया) जलने के निशान मिट जाएंगे।फिर वो लोग अल्लाह से मांगेंगे और अल्लाह उन्हें अतः फरमाएंगे (निमत) दुनिया की और साथ मे 10 गुना ज्यादा भी।
ये एक मुख्तसर (brief) हदीस है, इन शा अल्लाह कभी आप साथ इसकी पूरी हदीस पेश करूँगा।