167. Namaz ka tarikah in hindi islamicnabikisunnat

۞ बिस्मिल्लाह-हिर्रहमान-निर्रहीम ۞ 
 नमाज का तरीका क्या है ? कौनसी नमाज़ कितनी रकात होती है, नमाज़ की क्या शर्ते होती है, औरतों और मर्दो की नमाज़ में कोई फर्क होता है क्या इन तमाम बातो की जानकारी के लिए नमाज का तरीका | Namaz in Hindi इस पोस्ट का मुताला करते है।

 1. नमाज की शर्ते Namaz ka Tarika in Hindi: नमाज़ की कुछ शर्ते हैं। जिनका पूरा किये बिना नमाज़ नहीं हो सकती या सही नहीं मानी जा सकती। कुछ शर्तो का नमाज़ के लिए होना ज़रूरी है, तो कुछ शर्तो का नमाज़ के लिए पूरा किया जाना ज़रूरी है। तो कुछ शर्तो का नमाज़ पढ़ते वक्त होना ज़रूरी है, नमाज़ की कुल शर्ते कुछ इस तरह से है। 
 1.बदन का पाक होना 
 2.कपड़ो का पाक होना 
 3.नमाज़ पढने की जगह का पाक होना 
 4.बदन के सतर का छुपा हुआ होना 
 5.नमाज़ का वक्त होना 
 6.किबले की तरफ मुह होना 
 7.नमाज़ की नियत यानि इरादा करना ख़याल रहे की पाक होना और साफ होना दोनों अलग अलग चीज़े है। पाक होना शर्त है, साफ होना शर्त नहीं है। जैसे बदन, कपडा या जमीन नापाक चीजों से भरी हुवी ना हो. धुल मिट्टी की वजह से कहा जा सकता है की साफ़ नहीं है, लेकिन पाक तो बहरहाल है। 

 १. बदन का पाक होना – नमाज़ पढने के लिए बदन पूरी तरह से पाक होना ज़रूरी है। बदन पर कोई नापाकी लगी नहीं होनी चाहिए. बदन पर कोई गंदगी लगी हो या नापाकी लगी हो तो वजू या गुस्ल कर के नमाज़ पढनी चाहिए। 
 २. कपड़ो का पाक होना – नमाज़ पढने के लिए बदन पर पहना हुआ कपडा पूरी तरह से पाक होना ज़रूरी है। कपडे पर कोई नापाकी लगी नहीं होनी चाहिए. कपडे पर कोई गंदगी लगी हो या नापाकी लगी हो तो कपडा धो लेना चाहिए या दूसरा कपडा पहन कर नमाज़ पढ़ लेनी चाहिए। 
 ३. नमाज़ पढने की जगह का पाक होना – नमाज़ पढने के लिए जिस जगह पर नमाज पढ़ी जा रही हो वो जगह पूरी तरह से पाक होना ज़रूरी है। जगह पर अगर कोई गंदगी लगी हो या नापाकी लगी हो तो जगहधो लेनी चाहिए या दूसरी जगह नमाज़ पढ़ लेनी चाहिए। ४. बदन के सतर का छुपा हुआ होना – नाफ़ के निचे से लेकर घुटनों तक के हिस्से को मर्द का सतर कहा जाता है। नमाज़ में मर्द का यह हिस्सा अगर दिख जाये तो नमाज़ सही नहीं मानी जा सकती. 
 ५. नमाज़ का वक्त होना – कोई भी नमाज़ पढने के लिए नमाज़ का वक़्त होना ज़रूरी है. वक्त से पहले कोई भी नमाज़ नहीं पढ़ी जा सकती और वक़्त के बाद पढ़ी गयी नमाज़ कज़ा नमाज़ मानी जाएगी। 
 ६. किबले की तरफ मुह होना – नमाज़ क़िबला रुख होकर पढ़नी चाहिए। मस्जिद में तो इस बारे में फिकर करने की कोई बात नहीं होती, लेकिन अगर कहीं अकेले नमाज़ पढ़ रहे हो तो क़िबले की तरफ मुह करना याद रखे। 
 ७. नमाज़ की नियत यानि इरादा करना – नमाज पढ़ते वक़्त नमाज़ पढ़ें का इरादा करना चाहिए।
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