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mere nabi ﷺ jaisa koi nahi "na ayaa hai, na ayaa tha, na
ayega-
5 मिनट टाईम निकाल के ये sma जरूर पड़े अबतक के मेसेज में सबसे बेहतरीन मेसेज--
बीबी आएशा रजिअल्लाहु अनहा ने आप स.अ.सल्लम से अर्ज़ किया के , ' अल्लाह पाक ने
हर नबी को यह दर्जा अता किया है के वह अपनी जींदगी में कोई एक दुआ माँग सकते है,
जो फौरन कुबूल की जाएगी , तो आप अपने बेटे की दोबारा ज़ींदगी की दुआ क्यो नही माँग लेते ?
अल्लाह पाक कुबूल करनेवाला है '। आप स.अ.सल्लम ने फरमाया , के ' वह दुआ मैंने आखिरत
में अपनी " उम्मत " के लिए संभाल रख्खी है ' 'सुबहान अल्लाह ' मुझे नही लगता के इससे अच्छा
मेसेज आप के मोबाईल में होगा । आप यह मेसेज़ सभी भाई-बहनों को भेजने की ज़हेमत करें ।
'
ऐ मेरे परवरदिगार, अपने महेबूब स.अ .सल्लम के सदके में पूरी दुनिया में जीतने भी मुसलमां
बीमार है या परेशान हैं , तू अपने करम से ऊन्हें माफ फरमां और ऊनकी बीमारी और तमाम
परेशानियों को दूर फरमां ' - आमीन ।। ' ऐ मेरे परवरदिगार, अपने प्यारे महेबूब ﷺ के सदके में
जिस किसने भी यह दुआ भेजी है, उसके तमाम गुनाहों को माफ फरमां और हर काम में कामयाबी
अता फरमां, और उसके नसीब खोल दें '। आमीन ।।
अपने लिए ज़रूर दुआ करवाएं । न जाने किसकी ज़ुबांसे आपकी तकदीर संवर जाए ।
पूरी काएनात में नही कोई ऐसा----------------- न कोई नबी, मुहम्मद ﷺजैसा ।
न कोई कलाम , कुरआन जैसा ।
न कोई मज़हब, इस्लाम जैसा ।
न कोई तोहफा ,नमाज जैसा ।
न कोई सच्चा ,अबू बक्र जैसा ।
न कोई आदिल, ऊमर जैसा ।
न कोई सकीं, ऊस्मान गनी जैसा ।
न कोई शहीद ,इमाम हुसैन जैसा ।
न कोई इमाम, अबू हनिफअ जैसा ।
न कोई कलीमुल्लाह,मुसा जैसा ।
न कोई सब्रवाला, अय्युब जैसा ।
न कोई खूबसूरत, युसुफ जैसा ।
न कोई आबिद ,युनूस जैसा ।
न कोई आवाज ,दाऊद जैसा ।
न कोई वली, ग़ौस ए आज़म जैसा ।
न कोई जगह, मदीना जैसा ।
न कोई महिना, रमज़ान जैसा ।
न कोई दिन, जुमआ जैसा ।
और न कोई मेसेज़, इस SMS जैसा ।
न गोरा रंग, दुल्हन की अलामत है ।
हर नमाज़ के बाद - पहला कलमा पढ़ो और ये दुआ माँगो के,
बेशक, अल्लाह कभी अमानत में खयानत नही करता ।वूज़ू कर के सोने वाले की रूह बैतुल्लाह का तवाफ करती है ।"ए-अल्लाह" जब तू अपनी रहमतो के दरवाजे खोलेहै कोई रहमत मांगने वाला?तो मेरी दुआ है की,जो ये मेसेज पढ़ के दुसरे को भी इस खूबसूरत दुआ में शामिल करे...*आमीन*. ...
बेशक, अल्लाह कभी अमानत में खयानत नही करता ।वूज़ू कर के सोने वाले की रूह बैतुल्लाह का तवाफ करती है ।"ए-अल्लाह" जब तू अपनी रहमतो के दरवाजे खोलेहै कोई रहमत मांगने वाला?तो मेरी दुआ है की,जो ये मेसेज पढ़ के दुसरे को भी इस खूबसूरत दुआ में शामिल करे...*आमीन*. ...
न काला रंग, बदसूरती की निशानी ।
कफन सफेद होकर भी,खौफ की अलामत है,
और काबा, काले गिलाफ में भी, आँखों की ठंडक है ।
ऐ अल्लाह, ये कलमा तेरे पास मेरी अमानत है और - मरते वक्त ये मुझे लौटा देना ।।
ये मेसेज़ भी आप के पास एक अमानत है ।
इसलिए फारवर्ड करों कि---- मरते वक्त , सब को पहला कलमा नसीब हो ।
फरिश्ते सारी रात नेकियाँ लिखते हैं ।
जब करवट बदलता है, तो फरिश्ते बख्शीश के लिए दुआ करते हैं ।
लिखावट में कोई गलती हो तो, समझकर
लेना । अल्लाह हाफीज़ 🌀छोटी सी दुवा🌀
और पुकारे...
है कोई खुशिया मांगने वाला?
है कोई शिफा मांगने वाला?
है कोई मेरे
"महबूब"
सल्ललाहो अलैही वसल्लम की चाहत मांगने वाला?
"या अल्लाह"
सारी खुशियाँ, सारी रहमते, सारी कामयाबियाँ, सारी बरकतें, सारी नेअमतें और
"नबी - ए - पाक"
सल्ललाहो अलैही वसल्लम की चाहत उस शख्स को देदे
"*नमाज के 7 इनाम*"
🎍1.रोजी में बरकत
🎍2.तन्दरुस्त सेहत
🎍3.नेक औलाद
🎍4.खुशहाल घर
🎍5.दुनिया में इज्जत
🎍6.मैदाने हश्र में जामे कौशर
🎍7.आखिरत में जन्नत
🎐🎐इसे सिर्फ अपने तक ही मत रखो शेयर करके
दूसरों को भी बताओ...
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*_अल्लाह हमे अपने महबूब हुज़ूर सल्लल्लाहों अलैहि वसल्लम।
के सदके इसी तरह इल्मे दीन सीखने समझने और अमल करने की तौफ़िक अता करे।_*
//आमीन//