67. lalach ke sath maal lene se

(Page No.67)

    लालच के साथ माल लेने से- 

* मफहूमे हदीस *

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हदीस--मुबारक* *_👉🏿हाकिम बीन हिजाम रज़ियल्लाहु अन्हु से रिवायत है कि मैंने रसूल अल्लाह से (कुछ माल) माँगा तो आप ने अता फ़रमाया, मैंने फिर माँगा  फिर अता फ़रमाया, मैंने फिर से माँगा और आप ने फिर से अता फ़रमाया ,और इसके बाद फ़रमाया की ये माल सब्ज़ और खुश गवार नज़र आता है जो इसे नेक नियत से ले तो इसमें बरकत होती है और जो लालच के साथ लेता है तो उसके माल में बरकत नहीं होती बल्कि वो उस शख्स के जैसा हो जाता है जो खाता है लेकिन उसका पेट नहीं भरता, और ऊपर का हाथ (देने वाला) नीचे के हाथ (लेने वाले) से बेहतर है।*
      📘हवाला किताब📘

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सहीह बुखारी / वॉल -7, (6441) 
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अल्लाह हमे अपने महबूब हुज़ूर सल्लल्लाहों अलैहि वसल्लम।  के सदके इसी तरह इल्मे दीन सीखने समझने और अमल करने की तौफ़िक अता करे।_*

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आमीन//


  
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