103. जब जंग ए उहद का वक़्त क़रीब आ गया तो (Page No.103)

Page No.103





























*ﺃَﻋُﻮْﺫُ بِاللّٰهِ مِنَ الشَّيْطَانِ الرَّجِيم*
*بِسْمِ اللّٰهِ الرَّحْمَٰنِ الرَّحِيم*ِ
            *اللَّهُمَّ صَلِّ عَلَى مُحَمَّدٍ وَ*ّ *عَلَى آلِ مُحَمَّدٍ كَمَا* *صَلَّيْتَ عَلَى إِبْرَاهِيم*َ *وَعَلَى آلِ إِبْرَاهِيمَ إِنَّكَ حَمِيدٌ مَجِيد*
ٌ *اللَّهُمَّ بَارِكْ عَلَى مُحَمَّدٍ و*َّ *عَلَى آلِ مُحَمَّدٍ كَما* *بَارَكْتَ عَلَى إِبْرَاهِيمَ وَعَلَى آلِ إِبْرَاهِيمَ إِنَّكَ حَمِيدٌ مَجِيد*

                         *□☆TAFSEEL☆□*

हजरत जाबिर रज़ि अल्लाहु तआला अन्हु से रिवायत है जब जंग ए उहद का वक़्त क़रीब आ गया तो

_‎ بسم الله الرحمن الرحيم‎
الصــلوة والسلام‎ عليك‎ ‎يارسول‎ الله ﷺ

*_हजरत जाबिर रज़ि अल्लाहु तआला अन्हु से रिवायत है जब जंग ए उहद का वक़्त क़रीब आ गया तो मुझे मेरे वालिद हजरत अब्दुल्लाह रज़ि अल्लाहु तआला अन्हु ने रात को बुलाकर कहा के मुझे ऐसा दिखाई देता हैं के रसूल अल्लाह ﷺ के असहाब में से सबसे पहले मुझे शहीद किया जायेगा और देखो रसूल अल्लाह ﷺ के सिवा दूसरे कोई मुझे ( अपने अज़ीज़ और वारीसो में ) तुमसे ज़्यादा अज़ीज़ नहीं हैं, मेरे ऊपर क़र्ज़ है, तुम मेरा क़र्ज़ अदा कर देना और अपनी (9)बहनों   से अच्छा सुलूक करना, जब सुबह हुयी तो सबसे पहले मेरे वालिद हजरत अब्दुल्लाह रज़ि अल्लाहु तआला अन्हु ही शहीद हुए ।_*




        *(●👇📚हवाला📚👇●)*

*_📚 सहीह बुखारी , 1351_*


*_【☆☆☆☆☆☆☆☆☆☆☆☆☆】_*

     *_📢हमारा मिशन सिर्फ इल्म-ए-दीन सिखने और सिखाने का📢_*

*_☝हमारी दावत एक सच्चे दीन की_*

--------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------
*_अल्लाह हमे अपने महबूब हुज़ूर ﷺ के सदके इसी तरह इल्मे दीन सीखने समझने और अमल करने की तौफ़िक अता करे।_*
   
             /आमीन/
Post a Comment (0)
Previous Post Next Post