(Page No.81)
*♦हजरत अब्दुल्लाह बीन अबी क़तादह अपने वालिद से रिवायत करते है एक आदमी , रसूल अल्लाह ﷺ के पास आया उस वक़्त आप ﷺ मिंबर पर खड़े ख़ुत्बा इरशाद फ़रमा रहे थे उस ने कहा या रसूल अल्लाह ﷺ आप बताईये अगर मैं अपनी तलवार अल्लाह सुब्हानहु व तआला के रास्ते मे चलाऊ साबित क़दमि के साथ ये नियत सवाब और दुश्मन से पीछे न हटू यहाँ तक के क़त्ल कर दिया जाऊ तो क्या अल्लाह सुब्हानहु व तआला मेरे सभी गुनाहो को मिटा देगा ,आप ﷺ ने फ़रमाया हाँ फिर जब वो जाने के लिए मुड़ा आप ﷺ ने उसे बुलाया और कहा ये हजरत जिब्रईल अलैहि सलाम है कहते है मगर ये के तुम पर क़र्ज़ हो तो ( क़र्ज़ ) माफ़ नहीं होगा।*
📘हवाला किताब📘
*【 सुनन ए निसाई हदीस /3172】*
========================================================================
कौन सा अमल जिसके लिए हजरत जिब्रईल अलैहि सलाम ने फ़रमाया वो माफ़ नहीं होगा चाहे बन्दा अल्लाह सुब्हानहु व तआला के राह में शहीद हो जाये -
*Reference *
ﺃَﺧْﺒَﺮَﻧَﺎ
ﻋَﺒْﺪُ ﺍﻟْﺠَﺒَّﺎﺭِ ﺑْﻦُ ﺍﻟْﻌَﻠَﺎﺀِ، ﻗَﺎﻝَ : ﺣَﺪَّﺛَﻨَﺎ ﺳُﻔْﻴَﺎﻥُ، ﻋَﻦْ ﻋَﻤْﺮٍﻭ،
ﺳَﻤِﻊَ ﻣُﺤَﻤَّﺪَ ﺑْﻦَ ﻗَﻴْﺲٍ، ﻋَﻦْ ﻋَﺒْﺪِ ﺍﻟﻠَّﻪِ ﺑْﻦِ ﺃَﺑِﻲ ﻗَﺘَﺎﺩَﺓَ، ﻋَﻦْ
ﺃَﺑِﻴﻪِ، ﻗَﺎﻝَ : ﺟَﺎﺀَ ﺭَﺟُﻞٌ ﺇِﻟَﻰ ﺍﻟﻨَّﺒِﻲِّ ﺻَﻠَّﻰ ﺍﻟﻠَّﻪُ ﻋَﻠَﻴْﻪِ
ﻭَﺳَﻠَّﻢَ، ﻭَﻫُﻮَ ﻋَﻠَﻰ ﺍﻟْﻤِﻨْﺒَﺮِ، ﻓَﻘَﺎﻝَ : ﻳَﺎ ﺭَﺳُﻮﻝَ ﺍﻟﻠَّﻪِ ﺃَﺭَﺃَﻳْﺖَ
ﺇِﻥْ ﺿَﺮَﺑْﺖُ ﺑِﺴَﻴْﻔِﻲ ﻓِﻲ ﺳَﺒِﻴﻞِ ﺍﻟﻠَّﻪِ ﺻَﺎﺑِﺮًﺍ، ﻣُﺤْﺘَﺴِﺐﺍً، ﻣُﻘْﺒِﻠًﺎ
ﻏَﻴْﺮَ ﻣُﺪْﺑِﺮٍ، ﺣَﺘَّﻰ ﺃُﻗْﺘَﻞَ، ﺃَﻳُﻜَﻒِّﺭُ ﺍﻟﻠَّﻪُ ﻋَﻨِّﻲ ﺧَﻄَﺎﻳَﺎﻱَ ؟ ﻗَﺎﻝَ
: ﻧَﻌَﻢْ، ﻓَﻠَﻤَّﺎ ﺃَﺩْﺑَﺮَ ﺩَﻋَﺎﻩُ، ﻓَﻘَﺎﻝَ : ﻫَﺬَﺍ * ﺟِﺒْﺮِﻳﻞُ ﻳَﻘُﻮﻝُ :
ﺇِﻟَّﺎ ﺃَﻥْ ﻳَﻜُﻮﻥَ ﻋَﻠَﻴْﻚَ ﺩَﻳْﻦٌ *.
--------------------------------------------
*♦हजरत अब्दुल्लाह बीन अबी क़तादह अपने वालिद से रिवायत करते है एक आदमी , रसूल अल्लाह ﷺ के पास आया उस वक़्त आप ﷺ मिंबर पर खड़े ख़ुत्बा इरशाद फ़रमा रहे थे उस ने कहा या रसूल अल्लाह ﷺ आप बताईये अगर मैं अपनी तलवार अल्लाह सुब्हानहु व तआला के रास्ते मे चलाऊ साबित क़दमि के साथ ये नियत सवाब और दुश्मन से पीछे न हटू यहाँ तक के क़त्ल कर दिया जाऊ तो क्या अल्लाह सुब्हानहु व तआला मेरे सभी गुनाहो को मिटा देगा ,आप ﷺ ने फ़रमाया हाँ फिर जब वो जाने के लिए मुड़ा आप ﷺ ने उसे बुलाया और कहा ये हजरत जिब्रईल अलैहि सलाम है कहते है मगर ये के तुम पर क़र्ज़ हो तो ( क़र्ज़ ) माफ़ नहीं होगा।*
📘हवाला किताब📘
*【 सुनन ए निसाई हदीस /3172】*
========================================================================
*_अल्लाह हमे अपने महबूब हुज़ूर सल्लल्लाहों अलैहि वसल्लम के सदके इसी तरह इल्मे दीन सीखने समझने और अमल करने की तौफ़िक अता करे।_*
🌷🍃🌷🍃🌷🍃🌷🍃🌷🌷🍃🌷🍃🌷🍃🌷
/आमीन/