81. वो माफ़ नहीं होगा चाहे बन्दा अल्लाह सुब्हानहु व तआला के राह में शहीद हो जाये

                                     (Page No.81)

कौन सा अमल जिसके लिए हजरत जिब्रईल अलैहि सलाम ने फ़रमाया वो माफ़ नहीं होगा चाहे बन्दा अल्लाह सुब्हानहु व तआला के राह में शहीद हो जाये -

*Reference *
ﺃَﺧْﺒَﺮَﻧَﺎ ﻋَﺒْﺪُ ﺍﻟْﺠَﺒَّﺎﺭِ ﺑْﻦُ ﺍﻟْﻌَﻠَﺎﺀِ، ﻗَﺎﻝَ : ﺣَﺪَّﺛَﻨَﺎ ﺳُﻔْﻴَﺎﻥُ، ﻋَﻦْ ﻋَﻤْﺮٍﻭ، ﺳَﻤِﻊَ ﻣُﺤَﻤَّﺪَ ﺑْﻦَ ﻗَﻴْﺲٍ، ﻋَﻦْ ﻋَﺒْﺪِ ﺍﻟﻠَّﻪِ ﺑْﻦِ ﺃَﺑِﻲ ﻗَﺘَﺎﺩَﺓَ، ﻋَﻦْ ﺃَﺑِﻴﻪِ، ﻗَﺎﻝَ : ﺟَﺎﺀَ ﺭَﺟُﻞٌ ﺇِﻟَﻰ ﺍﻟﻨَّﺒِﻲِّ ﺻَﻠَّﻰ ﺍﻟﻠَّﻪُ ﻋَﻠَﻴْﻪِ ﻭَﺳَﻠَّﻢَ، ﻭَﻫُﻮَ ﻋَﻠَﻰ ﺍﻟْﻤِﻨْﺒَﺮِ، ﻓَﻘَﺎﻝَ : ﻳَﺎ ﺭَﺳُﻮﻝَ ﺍﻟﻠَّﻪِ ﺃَﺭَﺃَﻳْﺖَ ﺇِﻥْ ﺿَﺮَﺑْﺖُ ﺑِﺴَﻴْﻔِﻲ ﻓِﻲ ﺳَﺒِﻴﻞِ ﺍﻟﻠَّﻪِ ﺻَﺎﺑِﺮًﺍ، ﻣُﺤْﺘَﺴِﺐﺍً، ﻣُﻘْﺒِﻠًﺎ ﻏَﻴْﺮَ ﻣُﺪْﺑِﺮٍ، ﺣَﺘَّﻰ ﺃُﻗْﺘَﻞَ، ﺃَﻳُﻜَﻒِّﺭُ ﺍﻟﻠَّﻪُ ﻋَﻨِّﻲ ﺧَﻄَﺎﻳَﺎﻱَ ؟ ﻗَﺎﻝَ : ﻧَﻌَﻢْ، ﻓَﻠَﻤَّﺎ ﺃَﺩْﺑَﺮَ ﺩَﻋَﺎﻩُ، ﻓَﻘَﺎﻝَ : ﻫَﺬَﺍ * ﺟِﺒْﺮِﻳﻞُ ﻳَﻘُﻮﻝُ : ﺇِﻟَّﺎ ﺃَﻥْ ﻳَﻜُﻮﻥَ ﻋَﻠَﻴْﻚَ ﺩَﻳْﻦٌ *.
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*♦
हजरत अब्दुल्लाह बीन अबी क़तादह अपने वालिद से रिवायत करते है एक आदमी , रसूल अल्लाह के पास आया उस वक़्त आप मिंबर पर खड़े ख़ुत्बा इरशाद फ़रमा रहे थे उस ने कहा या रसूल अल्लाह आप बताईये अगर मैं अपनी तलवार अल्लाह सुब्हानहु तआला के रास्ते मे चलाऊ साबित क़दमि के साथ ये नियत सवाब और दुश्मन से पीछे हटू यहाँ तक के क़त्ल कर दिया जाऊ तो क्या अल्लाह सुब्हानहु तआला मेरे सभी गुनाहो को मिटा देगा ,आप ने फ़रमाया हाँ फिर जब वो जाने के लिए मुड़ा आप ने उसे बुलाया और कहा ये हजरत जिब्रईल अलैहि सलाम है कहते है मगर ये के तुम पर क़र्ज़ हो तो ( क़र्ज़ ) माफ़ नहीं होगा।*

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हवाला किताब📘

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सुनन निसाई हदीस /3172*


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*_अल्लाह हमे अपने महबूब हुज़ूर सल्लल्लाहों अलैहि वसल्लम के सदके इसी तरह इल्मे दीन सीखने समझने और अमल करने की तौफ़िक अता करे।_*
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             /आमीन/               





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