129. पाकी के मसाइल

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                  *📿⚜पाकी के मसाइल⚜📿*

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*📖हदीस-::* हज़रते याला रदियल्लाहु अन्हु से रिवायत है की रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने एक आदमी को मैदान मे नहाते देखा और फिर मिम्बर पर तशरीफ ले जाकर अल्लाह की हम्द व सना के बाद फ़रमाया की अल्लाह तआला हया फरमाने वाला है और पर्दापोश है ! हया और पर्दा करने वाले दोस्त रखता है ! जब तुम में कोई नहाये तो उसे पर्दा करना लाज़िम है !

*📚(अबू दाऊद शरीफ, बहारे शरीयत 2/28)*

*📖हदीस::* हज़रत अब्दुल्लाह इब्ने उमर से रिवायत है की हज़रत उमर रदियल्लाहु अन्हु ने रसुलुल्लाह सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम से पूछा की उनको रात में नहाने की जरूरत हो जाती है ! फ़रमाया वुज़ू कर लो और उज़्वे तनासुल(लिंग) को धो लो फिर सो जाओ !

*📚(सही बुखारी, बहारे शरीअत, 2/29)*

*📖हदीस::-* अबु सईद खुदरी रदियल्लाहु अन्हु से रिवायत हे की हुज़ूर ए करीम ने फरमाया की जब तुम में कोई अपनी बीवी के पास जाकर दुबारा जाना चाहे तो वुज़ू कर ले !

*📚(मुस्लिम शरीफ, बहारे शरीयत, 2/29)*

*📖हदीस::-* हरज़त आइशा सिद्दीक़ा रदियल्लाहु तआला अन्हुमा से रिवायत है की ताजदार ए मदीना से सवाल हुआ की मर्द तरी पाये और एहतिलाम याद ना हो ! फरमाया गुस्ल करे और उस आदमी के बारे में पूछा गया की ख्वाब का यकीन है और तरी(असर) नही पाता ! फरमाया उस पर गुस्ल नही ! उम्मे सुलैम ने अर्ज़ की कि औरत तरी को देखे तो उस पर गुस्ल है? फरमाया हाँ औरते मर्दों की तरह है !

*📚(तिर्मिज़ी शरीफ, बहारे शरीअत, 2/29)*
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