179. Salam ferne ke baad ki duaa

 


सलाम फेरने के बाद आप यह दुआएं पढ़ें।


एक बार ऊँची आवाज़ में ‘अल्लाहु अकबर’ कहें

फिर तीन बार ‘अस्तगफिरुल्लाह’ कहें

एक बार ‘अल्लाहुम्मा अन्तास्सलाम व मिनकस्सलाम तबारकता या जल जलाली वल इकराम’ पढ़े।

इसके बार ३३ मर्तबा सुबहान अल्लाह, ३३ मर्तबा अलहम्दु लिल्लाह और ३३ मर्तबा अल्लाहु अकबर पढ़ें।

आखिर में एक बार ‘ला इलाहा इल्ललाहु वहदहू ला शरीका लहू लहुल मुल्कू वलहूल हम्दु वहुवा आला कुल्ली शैईन कदीर’ यह दुआ पढ़े.

फिर एक बार आयतुल कुर्सी पढ़ लें।

देखे : आयतुल कुर्सी 👇

اللَّـهُ لَا إِلَـٰهَ إِلَّا هُوَ الْحَيُّ الْقَيُّومُ ۚ لَا تَأْخُذُهُ سِنَةٌ وَلَا نَوْمٌ ۚ لَّهُ مَا فِي السَّمَاوَاتِ وَمَا فِي الْأَرْضِ ۗ مَن ذَا الَّذِي يَشْفَعُ عِندَهُ إِلَّا بِإِذْنِهِ ۚ يَعْلَمُ مَا بَيْنَ أَيْدِيهِمْ وَمَا خَلْفَهُمْ ۖ وَلَا يُحِيطُونَ بِشَيْءٍ مِّنْ عِلْمِهِ إِلَّا بِمَا شَاءَ ۚ وَسِعَ كُرْسِيُّهُ السَّمَاوَاتِ وَالْأَرْضَ ۖ وَلَا يَئُودُهُ حِفْظُهُمَا ۚ وَهُوَ الْعَلِيُّ الْعَظِيمُ


अल्लाहु ला इला-ह-इल्लाहू, अल्हय्युल कय्यूम ला तअवुजुहू सि-नतुंव वला नौम, लहू मा फिस्समावाति वमा फिल अर्ज, मन जल्लजी यश्फउ इन्दहू इल्ला बिइज़निह, यलमु मा बै-न औदीहिम वमा खल्फहुम, वला युहीत- न बिरौइम मिन इल्मिही इल्ला बिमा शा-अ, वसि-अ कुर्सिय्यु हुस्समावाति वल अर्ज, वला दुहू हिफ्जुमा, वहुवल अलिय्युल अज़ीम


तर्जुमा : अल्लाह के सिवा कोई इबादत के लाइक नहीं वह हमेशा जिंदा रहने वाला, सब को काइम रखने वाला है, उसको न ऊँघ आती है न नींद, आसमानों और ज़मीन की सब चीजें उसी की हैं, कौन है जो उस के पास किसी की शफाअत ( गुनाहों से माफी की सिफारिश) करे उसकी इजाज़त के बगैर, वह जानता है जो लोगों के सामने है और जो उनके पीछे है, और लोग उसके इल्म में से कुछ घेर नहीं सकते मगर जितना अल्लाह चाहे, उस की कुर्सी ने आसमानों और ज़मीन को अपनी वुस्अत (घेराव) में ले रखा है और उन की हिफाज़त उसे थकाती नहीं और वह बुलंद अज़मत ( बड़ाई) वाला है ।


फजीलत : रसूलुल्लाह ﷺ ने फरमाया : जो शख़्स फर्ज़ नमाज़ के बाद आयतुल कुर्सी पढ़ ले तो उसे जन्नत में जाने से कोई चीज़ रोक नहीं सकती सिवाए मौत के।

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